
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने G20 के रात्रिभोज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे पल बिताए तो चार तरह की बातें उठने लगीं। तस्वीरों पर कहानी बनाई जाने लगी। लेकिन, हकीकत अपनी जगह कायम है। नहीं रहता तो भाजपा इस तरह का अभियान नहीं छेड़ती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता का पटना से बिगुल फूंकने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले हफ्ते जब दिल्ली में G20 सम्मेलन के रात्रिभोज में शामिल हुए तो तरह-तरह की बातें उठाई जाने लगीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीरें एक-एक कर सामने आयीं तो उनके अच्छे पलों को लेकर कयासबाजी तेज हो गई। पूछा जाने लगा- “क्या नीतीश फिर पलट जाएंगे?” तमाम अटकलों के बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ऐसे आसार से इनकार किया था। अब इनकार का यह प्रमाण पटना की सड़कों पर साफ-साफ दिखने लगा है। भाजपा ने नीतीश को लेकर पहली बार अपनी मंशा इस तरह खुलकर जता दी है।
पहली बार कहा- असली बेवफा तो नीतीश कुमार
जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ जनमत लेकर नीतीश कुमार भाजपा में आए थे तो वह सीधे-सीधे महागठबंधन के निशाने पर रहे थे। राजद की ओर से जुबानी तौर पर नीतीश कुमार व्यक्तिगत हमले का शिकार होते रहे। जब 2020 में भाजपा के साथ जनादेश लेने के बाद पिछले साल नीतीश ने महागठबंधन का दामन थामा तो भाजपा ने उनपर सीधा हमला कभी नहीं बोला। जुबानी तौर पर भी सिर्फ भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने ही अलग तरह की भाषा बोली। भाजपा के बाकी नेताओं ने उस तरह से नीतीश का प्रतिकार नहीं किया। लेकिन, अब पटना में दर-दीवार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ स्लोगन लिखे जा रहे हैं। जी20 में पीएम मोदी के साथ उनकी तस्वीरों से अलग भाजपा की ओर से दीवारों पर करवाई गई पेंटिंग्स में लिखा है- “कभी आपका तो कभी हमारा यार है, असली बेवफा तो नीतीश कुमार है”।
इस स्लोगन का मतलब सीधा हमला है
पिछले 15 दिनों से राजद ने पूरे शहर को भाजपा के खिलाफ स्लोगन से भर दिया है। ज्यादातर दीवारों पर राजद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ स्लोगन लिखा चुका है। ऐसे में जी20 की तस्वीरों के बाद इस तरह भाजपा का उतरना कुछ अलग संदेश देता है। चाणक्या इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिकल राइट्स एंड रिसर्च के अध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा कहते हैं- “स्लोगन को ठीक से समझें तो इसमें राजद और भाजपा की बात करते हुए कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने बारी-बारी से दोनों के साथ बेवफाई की है। दरअसल, यह बेवफाई दोनों ही दलों के वोटरों को भाजपा ने दिखाने का प्रयास किया है। मतलब, कुल मिलाकर यही है कि आगामी चुनावी दंगल से नीतीश कुमार को आउट करने के लिए अब भाजपा ने यह नया दांव खेला है।”