1 हजार मंदिरों में वस्त्रसंहिता; जबकि पूरे वर्ष तक ‘लव जिहाद’ के विरुद्ध अभियान चलाएंगे ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में  725 हिन्दुत्वनिष्ठों का उत्स्फूर्त सहभाग !  महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की ओर से महाराष्ट्र के 131 मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू होने पर अब कर्नाटक, छत्तीसगढ, देहली, उत्तर प्रदेश आदि अनेक राज्यों में…

Read More »

विद्यापति डी बिस्फी हेतु संगोष्ठी का आयोजन पटना में हुआ

मैथिल कोकिल विद्यापति के जन्मस्थान के सर्वांगीं विकास और उसे पर्यटन स्थल स्थल बनाने हेतु एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई. जिसमे चेतना समिति की वर्तमान अध्यक्षा नीता मदन झा…

Read More »

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की ताकत, दुनिया को दिखा रहे हैं

पंडित अजॉय चक्रवर्ती      पद्म भूषण पुरस्कार सम्मानित भारतीय शास्त्रीय गायक सबसे पहले, मैं कुछ विनम्र शब्दों में कहना चाहता हूं कि महान राजनेताओं की एक लंबी सूची रही है, जो हमारे…

Read More »

पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण के तीन दशक

श्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री भारत के स्थानीय स्वशासन प्रणाली के इतिहास में 24 अप्रैल एक महत्वपूर्ण दिन है। राष्ट्रपति ने 1993 में इसी दिन…

Read More »

मन की बात -100 : एक खेल प्रेमी राष्ट्र के रूप में भारत का उत्सव

आलेख: अंजू बॉबी जॉर्ज, भारतीय ओलंपियन और  भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन की उपाध्यक्ष भारत में खेलों के लिए यह एक रोमांचक समय है। भारत के पास हमेशा से खेल प्रतिभाओं का एक होनहार और बड़ा पूल रहा है। जरूरत इस बात की थी कि मौजूदा नीतियों में संशोधन किया जाए और नई नीतियों को लाया जाए जो उनकी जरूरतों और आकांक्षाओं से मेल खाती हों। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार जमीनी स्तर पर प्रतिभा की पहचान, खेल के बुनियादी ढांचे के निर्माण, एलीट खिलाड़ियों को समर्थन और एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो देश के खेल परिदृश्य को बदलने के लिए मिशन मोड में है और देश के कोने–कोने से महिलाएं, दिव्यांगजन और युवा सभी के लिए समान अवसर प्रदान करता है। सफलता की गाथाओं के साथ–साथ हर आयु वर्ग के कई खिलाड़ियों के धैर्य, संघर्ष और दृढ़ संकल्प की कहानियों ने प्रधानमंत्री के ‘मन की बात‘ और देश के दिलों में जगह बनाई है। ‘खेलो इंडिया’ एक गेम चेंजर रहा है। वास्तव में ‘खेलो इंडिया गेम्स’ भारत के मिनी ओलंपिक की तरह हो गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देकर प्रोत्साहित करने से न केवल युवा खिलाड़ियों बल्कि राज्यों को भी अपने स्वयं के मजबूत खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए बढ़ावा मिला है। देश में एक समग्र खेल संस्कृति के विकास के अलावा, प्रत्येक खिलाड़ी और उनकी प्रगति को जानने में प्रधानमंत्री जो व्यक्तिगत रुचि लेते हैं, वह भी कुछ ऐसा है जो हमारे देश में पहले कभी नहीं देखा गया था। वह अंतिम रवानगी से पहले और एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट/खेल आयोजन के बाद भारतीय दल के साथ बातचीत करना और उन्हें उनकी सफलता या ईमानदारी से किए गए प्रयासों के लिए प्रेरित करते हैं और बधाई देते हैं। प्रधानमंत्री अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात‘ में भी खेलों के बारे में काफी बातें करते हैं। पहले हमारे देश के खेल के क्षेत्र में उपलब्धियों के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए अखबार ही एकमात्र माध्यम था, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए जाने से पहले ही हम उनका जश्न मना रहे हैं। कॉमनवेल्थ हो या ओलंपिक जाने वाला भारतीय दल या खेलो इंडिया गेम्स में भाग लेने वाले युवा, ‘मन की बात‘ एक ऐसा मंच बन गया है, जहां खेल के मोर्चे पर देश की उपलब्धियां सामने आती हैं। और आज, जब ‘मन की बात‘ 30 अप्रैल, 2023 को अपना शतक पूरा करने जा रहा है, तो मुझे यकीन है कि इतने सालों में इसके सभी एपिसोड ने एथलीटों के लिए अपनी प्रतिभा को तराशने और एक बेहतर खिलाड़ी के रूप में खेलों के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए प्रेरणा का काम किया है।  जब मैंने विश्व चैम्पियनशिप के लिए पहला पदक जीता था, तो मेरे साथी खिलाड़ी जिसने भी पदक जीता था, उन्हें अपने देश के राष्ट्राध्यक्ष का फोन आया था, जो स्टेडियम की स्क्रीन पर दिखाया जा रहा था। और मैं सोच रही थी कि मुझे ऐसा मौका कब मिलेगा। इस लिहाज से आज के युवा खिलाड़ी वाकई खुशकिस्मत हैं कि प्रधानमंत्री ‘मन की बात‘ जैसे अहम मंच पर उनके बारे में बात कर रहे हैं। वे उनके व्यक्तिगत हितों को भी अच्छी तरह से जानते हैं और उनके वापस आने पर उन्हें भव्य विदाई दे रहे हैं और उनका सत्कार भी कर रहे हैं। पूरा भारत और खासकर युवा पीढ़ी के लोग इसे देख रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बार–बार इस बात पर जोर दिया है कि खेल पदक जीतने और भारत को वैश्विक मानचित्र पर लाने तक ही सीमित नहीं है। यह मुख्य रूप से हमें शारीरिक रूप से फिट, मानसिक रूप से सतर्क और खेल भावना का पोषण करके व्यक्तिगत व्यक्तित्व का विकास करता है। खेल, कुल मिलाकर, एक राष्ट्र के विकास के लिए बहुत महत्व रखता है। वे दिन गए जब लोग केवल क्रिकेट के पीछे भागते थे। आज, प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन में भारत की भागीदारी से एक बहुत बड़ा राष्ट्रीय गौरव जुड़ा हुआ है।

Read More »

फरवरी के 28 दिनों में से 10 दिन बंद रहेंगे बैंक, जानें से पहले चेक करें लिस्ट

यदि आप बैंक संबंधी कोई जरूरी काम निपटाना चाह रहे हैं तो यह खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकती है. दरअसल फरवरी महीने के केवल 28 दिनों में से…

Read More »
subhash_chandra_bosh

भारत को स्वाधीनता किसने दिलवाई या किसके कारण मिली…? चरखा चलाने से सूत जरूर मिलता है, पर स्वतंत्रता…?

चरखा चला चला के लेंगे स्वराज्य… लेंगे स्वराज्य… दे दी हमें आजादी, बिना खड़ग बिना ढाल… एसे ही कई बचकाने शब्दों से रचे गए भावविभोर गीतों द्वारा हमें हमारे स्वतंत्रता…

Read More »

भारतीय इतिहास लेखन और पाठ्यपुस्तको में भारतीय चिंतन…!!!

विश्व के असंख्य देशो ने यूरोपीय (ब्रिटिश साम्राज्यवादी एवं उपनिवेशवादी) से मुक्त होने के बाद अपने देश के इतिहास की पुनः रचना की है। भारत में यह कार्य सन् १९४७…

Read More »

राष्ट्र बडा या धर्म…? हिन्दू जरुर पढ़े

इस पर बहुत लोग उलझन में पड़ जाएंगे कोई देश कहेगा कोई धर्म, लेकिन मुझसे ये सवाल आज से पांच छह साल पहले पूछा गया होता तो देश बोलने में…

Read More »

शारदापीठ तथा ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी महाराज का देहावसान !

हिन्दू धर्म के लिए धधकती ब्राह्मतेज की ज्वाला शांत हो गई ! – सनातन संस्था चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था, (संपर्क : 77758 58387) द्वारका स्थित शारदापीठ तथा बद्रिकाश्रम के…

Read More »