
साथियों आज माननीय प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप डिसूजा, प्रदेश महासचिव विजय सिंह आकाश, प्रदेश उपाध्यक्ष विकास रंजन वर्मा एवं प्रदेश विधि सलाहकार संजय कुमार सिंह , प्रदेश प्रवक्ता मंजीता रानी झा,कोषाध्यक्ष नेहा सिंह के मार्गदर्शन और TSS मूल के सभी जुझारू साथियों के सहयोग से टीईटी शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश प्रवक्ता सह जिलाध्यक्ष रोहतास कमलेन्द्र सिंह राक्षस के नेतृत्व में सचिवालय स्थित माननीय मंत्री, शिक्षा विभाग श्री चन्द्रशेखर जी के कार्यालय में पारा-78 के तहत मांगो पर माननीय मंत्री महोदय से करीब 25 मिनट तक TALK TO TABLE वार्ता हुई है।



एक-एक बिंदुओं को माननीय मंत्री महोदय एवं उनके पदाधिकारियों के समक्ष रखा गया। महोदय ने ध्यानपूर्वक सभी लीगल बिंदुओं को सुना और अंत में बोले कि बहुत जल्द माननीय उपा-मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव जी एवं माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी एवं शिक्षा विभाग के सभी उच्च पदाधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक कर इस लीगल बिंदु पर चर्चा की जाएगी और जो न्यायोचित होगी उसे टीईटी शिक्षकों के लिए लागू किया जाएगा। साथियों अब वक्त और माहौल दोनों टीईटी शिक्षकों के अनुकूल आ चुका है।
अब पारा-78 और टीईटी शिक्षकों की चर्चा शिक्षा विभाग में होना शुरू हो चुका है। इसलिए टीईटी शिक्षक संघ-मूल को आप सभी तन-मन-और धन से सहयोग करें।
क्योंकि जब सुप्रीम कोर्ट के न्याय निर्णय टीईटी शिक्षकों के लिए अमृत समान जब पारा-78 दिया गया तो सभी टीईटी नेतृत्वकर्ता इसे छोड़कर केवल समान काम-समान वेतन की बात कर रहें थे, केवल और केवल 1-8 टीईटी शिक्षकों के विशुद्ध कोटि के एकमात्र संगठन TSS मूल, बिहार को छोड़कर। क्योंकि TSS मूल,बिहार ही केवल शुरू से अब तक पारा-78 की लड़ाई लड़ता आ रहा है और इसे प्राप्त करने तक लड़ेगा। चाहें सदन हो, सड़क हो अथवा न्यायलय हो ।
TSS मूल, बिहार को सभी टीईटी संगठन के अलावे आम टीईटी शिक्षकों ने क्या क्या नहीं बोले। इनके “समान काम समान वेतन” के मुद्दे जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया उसके लिए पागल थे। साथियों मैं पुनः ज्ञात करा दु की 1-8 टीईटी शिक्षकों के विशुद्ध कोटि के एकमात्र टीईटी संगठन केवल और केवल टीईटी शिक्षक संघ-मूल,बिहार है। आप हमें तन-मन-धन से सहयोग करें, मैं वचन देता हूँ कि आपके सपनों को पूरा TSS मूल,बिहार करेगा।
जय TSS तय TSS
धन्यवाद कमलेन्द्र सिंह राक्षस प्रदेश प्रवक्ता सह जिलाध्यक्ष रोहतास TSS मूल, बिहार।