
बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. लेकिन बीजेपी और जदयू के बीच हमला जारी है. बीजेपी के आरोप पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने करारा पलटवार किया है. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने विश्वासघात नहीं किया है. बल्कि बीजेपी ने जदयू के साथ विश्वासघात किया है. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने आंख बंद करके बीजेपी पर भरोसा किया लेकिन बीजेपी ने पीठ में छुरा भोंकने का काम किया.
उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता विश्वासघाती हैं. उन्होंने कहा कि मंगलवार को बैठक हुई. सबसे राय ली गई. बैठक में शत प्रतिशत लोगों ने कहा कि 2020 के चुनाव में हमारे कार्यकर्ताओं ने बीजेपी को जीत दिलायी.उनके कार्यकर्ताओं ने हमें हराने का काम किया. उसके बाद तय हुआ कि हम एनडीए में नहीं रहेंगे. ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी के कई नेताओं ने कहा कि जनमत के साथ खिलवाड़ हुआ. बिहार के सीएम विश्वासघाती नहीं हैं. जेडीयू ने अरुणाचल प्रदेश में 7 सीटें जीती. हमारे छह विधायकों ने उन्होंने अपने में मिला लिया. 2019 में आपको ज़रूरत थी इसलिए कोई गड़बड़ नहीं हुई. 2020 का समय आया तो हमारे पार्टी के एक नेता को अपने में मिला लिया और षड्यंत्र किया.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार पहले मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे लेकिन जबरदस्ती उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया. मुख्यमंत्री बनने के बाद ‘छुटभैया’ नेता बयान दे रहे थे. नीतीश कुमार ने आंख बंद करके बीजेपी पर भरोसा किया लेकिन बीजेपी ने पीठ में छुरा भोकने का काम किया. नीतीश जी से सुशील मोदी का अच्छा संबंध था जिसकी सजा भारतीय जनता पार्टी ने सुशील मोदी को दी. नीतीश कुमार में बर्दाश्त करने की क्षमता है, वो तब तक बर्दाश्त करते. 2 साल तक बर्दाश्त किया. इससे पहले नीतीश कुमार ने भी कहा कि नतीजों के बाद से ही मैं बिहार का सीएम बनना नहीं चाहता था, लेकिन चारों तरफ से दबाव था. मुझे कहा गया कि आप ही बिहार को संभालिए. मेरे साथ जो कुछ किया गया वो ठीक नहीं लग रहा था.
बता दें कि नीतीश कुमार पर तीखे हमले बोलते हुए सुशील मोदी ने कहा कि उन्होंने धोखा दिया है. उन्होंने नीतीश कुमार की ताकत पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यदि आपके नाम पर वोट मिला होता तो फिर 2020 में 43 सीटें ही नहीं जीतते. सुशील मोदी ने कहा कि जदयू को तोड़ने की कोशिश हुई. यह गलत आरोप है. हमने किसी पार्टी को आजतक नहीं तोड़ा है. हमने नीतीश जी को पांच बार बिहार का सीएम बनाया. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के लोग बीजेपी नेताओं से मिलकर नीतीश कुमार राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाना चाहते थे. लेकिन बीजेपी के पास ख़ुद बहुमत था तो किसी और को कैसे बनाते. उन्होंने कहा कि यह झूठा प्रचार किया जाता है कि आरसीपी सिंह को बिना नीतीश कुमार की सहमति से केंद्र में मंत्री बना दिया गया.